बेरोजगार का ऑक्सीजन
सुकून इस बात का है के
कुछ पेड़ तो लगाए थे !
देखभाल भी की
वो फले फुले, आज भी कुछ बचे हैं
बड़ा हुआ तो पता चला के पेड़ बस ऑक्सीजन देते हैं जो खाना पचाने मे काम आता है
तो लगा के ऑक्सीजन का करूंगा क्या जब पेट मे खाना ही नहीं रहेगा
तो पेट भरने निकल गया
पेड़ वहीं रह गए
कुछ काट दिए गए
कुछ अभी भी ऑक्सीजेन दे रहें हैं
और आज भी मेरा खाना ऑक्सीजेन से ही पचता है |
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